Friday, May 15, 2009

मामला दिल का

सच कह रहा है दीवाना दिल ,यूँ दिल ना किसी से लगाना ------------------------
दिल का मामला है भाई जरा संभलकर वरना दिक्कत हो जायेगी .मैं इस गाने को लिखने और गाने वाले का हजार बार शुक्रिया अदा करता हूँ .मेरे ख्याल से इसगाने को हर इमोशनल /शीघ्रता से विश्वास करने वाले शख्स को याद रखना चाहिए .रिश्ते दिल से बनते हैं और विश्वास पर चलते हैं .जिस दिन विश्वास का पथ टूट जाता है उस दिन रिश्ते चलने बंद कर देते हैं और दिल भी टूट जाता है .विश्वास हैतो सब कुछ है वरना कुछ भी नही ।
दिल टूटे ,विश्वास डगमगाए और इससे पहले की कोई विश्वासी /जिंदादिली छुट जाए सामने वाले को खूब परख लो .इतना परखो की उसकी हर नब्ज़ की जानकारी मालूम हो जाए .फिर वैसे ही चलो जैसा सामने वाला हो .अगर ऐसा नहीं किया तो फिर धोखा ही धोखा -------,अन्यथा इस गाने को याद रखना .बहुत कीमती गीत है यह जिन्दगी बदल देगा और मौज ही मौज करोगे .जो इस गीत को कुछ देर से सुनेगा /समझेगा तब तक यह देर बहुत कुछ ढेर kar degaa ..................
अपनी काली जुल्फों से वो मेरा दिल जलाती थी
मुझे देखकर वो अपनी काली जुल्फे लहराती है
जुल्फों के घने साए में जाने को दिल मचलता था
मचलते हुए दिल को मैं घनी जुल्फ देख बहलाता था
नितनये रंगों से वो इनको रोज खूब सजाती थी
मेरा दिल भी करता मैं इनके साए में जाऊं
अपनी दिली तमना को मैं असली जामा पहनाऊँ
दिल को बहुत समझाया पर दिल ने एक न मानी
मौका देख मैंने भी उससे प्यार जताने की ठानी
मेरी नियत देख जुल्फ की रानी मुस्कुराई
एक -एक करके उसने साड़ी बिगे दिखाई
बिग देखकर मैंने सोचा यह तो एक छलावा है
बिग पहनकर दिल चुराने की अजीब माया है ।


सपनों को साकार समझ बैठा
परछाई को आकार समझ बैठा
उसकी थी हंसने की आदत
मैं उसको प्यार समझ बैठा
फरेब थी उसकी हँसी में मैं आस्की समझ बैठा
मौत को ही अपनी जिन्दगी समझ बैठा
वक्त की गर्दिश थी या मेरी बदनसीबी
अपने साए को ही मैं चांदनी समझ बैठा
वह कदम -कदम पर गम देते गये मुझे
दिले नादाँ इसे दिललगी समझ बैठा
जिसकी आरजू थी वो ना मिला
सालो जिसका इन्तजार किया वो ना मिला
अजीब खेल है किस्मत का
किसी को हम ना मिले और कोई हमे ना मिला ।
राहों में कौन आ गया कुछ पता नही
उसको तलाश करते रहे जो मिला नही
दिलों से खेलने का हूनर हमें नही आता
इसलिए ख़्वाबों की बाज़ी हार गये हम
मेरी जिन्दगी से शायद बहुत प्यार था
इसलिए जिंदा मार गये
तुमको देखा जहाँ -जहाँ हमने
किए सजदे वहां -वहां हमने
तुम तो क्या खुदा से भी छुपाई है
अपनी चाहत का दासता हमने
कल की रात भी अजीब थी
चाँद गायब था
आसमान भी हैरान था
सितारों में भी हलचल हुई
कयामत का था
वो मंजर
जब उस नूर का दीदार हुआ
रोशन हुई हर शै उससे
हमने भी जमीन पर
चाँद का उतरना देखा
पर अफसोस वह चाँद हमारा न था ।



जिन्दगी के बियावान में
सूरज की तपिश से होकर परेशान
जब मैंने रेत को पानी समझा
तो कुछ सयानो ने कहा
अरे वो नादाँ !
रेत तो रेत है पानी नही
ठीक कहा उन्होंने
मगर जिसने कभी रेत को पानी समझने की
भूल ही न की
वो भला प्यास की शिददत को
क्या पहचानेगा
हाँ मैंने यह भूल की है
नादाँ भी हूँ मैं
पर यकीन करना इस बात का
की मेरी प्यास सच्ची थी ।
ऐसा न हो इसलिए दिल से नही दिमाग से काम लो --------टेक केयर ----फिर तो इस जिन्दगी के मजेही मजे लूटो .

11 comments:

  1. वह भाई मज़ा आगया .हमें तो पता ही नही था की आप इतनी अच्छी शायरी कर सकते है,और रही बात धोखे की तो जब आप किसी पर आँख मूँद के विश्वास करेंगे तो धोखा तो खायेंगे ही

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  2. हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका तहेदिल से स्वागत है....

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  3. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  4. वाह.....क्या शाएरी है.............मजा आ गया.....जनाब

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  5. बहुत सुंदर.हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मेरे ब्लोग पर भी आने की जहमत करें।

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  6. हुज़ूर आपका भी .......एहतिराम करता चलूं .....
    इधर से गुज़रा था- सोचा- सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ

    कृपया एक अत्यंत-आवश्यक समसामयिक व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें। मेरा पता है:-
    www.samwaadghar.blogspot.com
    शुभकामनाओं सहित
    संजय ग्रोवर

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  7. kya baat hai yaar bahut h achchha hai.

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  8. blog ki is duniya mai aapka swagat hai.ap ye to btaiye ki aako aakhir tlaash kiski hai.

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