Saturday, April 4, 2009

जरा संभलकर

अरे नेता जी !ये क्या ?कोई खाने को मर रहा है ,रोटी नही मिल रही है और आप कुत्ते को बिस्किट खिला रहे है .अरे भाई साहब मै क्या करू !मेरा तो इनके जैसा और कोई वफादार हो ही नही सकता .अच्छा तो ये आपका पालतू है .हाँ भाई हाँ .कभी आप ने इसे इसकी आम बिरादरी की भीड़ में छोड़ा है ?नही .जरा छोड़कर देखिये ,हर जगह मार खाते है .आप तो हमेशा बांधकर रखते है न !इसीलिए आपको मालूम नही .खैर छोड़िये जरा होशियार रहियेगा .क्यो ?क्योंकिजब पालतू काटता है तब ज़ख्म बड़ा गहरा होता है और भरने का नाम नही लेता ।

जरा इसे याद रखियेगा
आदमी आदमी को सताने लगा
अपने मन का गीत गाने लगा
अब आदमी में आदमियत कहाँ
आदमी -आदमी को खाने लगा ।
तो फिर कुत्ते के भरोसे कब तक रहेंगे .

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