मिटा देंगे बुराइओं को हममे ओ दम है
न गिडगिडा उन नेताओं से वे बडे बेरहम हैं
शहीद होते हैं देश पर जो
देश के जाबांज हैं
नाम न लो नेताओं का
भारत के लिए अभिशाप हैं
हमारे नेता महा डरपोक हैं
प्यासों के लिए पानी चाहिए
ओ तो सहमे हुए ओंस हैं
नेताजी !पूछिये उनसे
जिनके शहीद होते पति ,भाई और लाल हैं
पर आप के लिए क्या उनके खून
रंग और गुलाल हैं
क्यों बनते हो महान
कुछ तो शर्म करो
आतंकवादिओं के खिलाफ अपना जेहन भी गरम करो
धूल हो तुम उन शहीदों का
अपनी औकात जान लो
हो अगर भारत के मर्द
तो गरीबों के दर्द जान लो .
आज कल की असंतुलित राजनीतीक परिस्थितियों से परेशान आम आदमी के दिल से निकली आवाज़ हैं आप की कवितायेँ.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई.